नये उपराष्ट्रपति राज्यसभा में आक्रामक शत्रुता खत्म करने में मदद कर सकते हैं

एक किशोर के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में शामिल होने वाले 68 वर्षीय सी.पी राधाकृष्णन भारत के उपराष्ट्रपति चुने गये हैं। यह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा राष्ट्रवादी विचारधारा के अपने संस्करण को संघ परिवार के एजेंडे के साथ जोड़ने की एक और कोशिश है। राधाकृष्णन साल 1974 तक

प्रमुख माओवादी नेताओं के आत्मसमर्पण से अब शांति संभव है

यह बात बीते कई महीनों से साफ है कि माओवादी उग्रवाद के तेवर ढीले पड़ते जा रहे हैं। माओवादियों की मौजूदगी 11 जिलों तक सिमट गई है तथा इसके मुख्य इलाके घटकर तीन ही रह गए हैं – छत्तीसगढ़ के जंगली और सुदूरवर्ती जिले बीजापुर, नारायणपुर और सुकमा। जिसे कभी देश की “आंतरिक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा” कहा जाता था, उसे कमजोर करने का श्रेय जमीनी हकीकत के मुताबिक आतंकवाद विरोधी रणनीति अपनाने वाले सुरक्षा बलों तथा जिला प्रशासन और 2000 के दशक के मध्य से आने वाली सरकारों को दिया जाना चाहिए, जिन्होंने विकास कार्यों में तेजी लाई। मध्य भारत के अब तक गरीब आदिवासी इलाकों में माओवादियों की हार संयुक्त आंध्र प्रदेश में पांव उखड़ने की तर्ज पर ही हुई, जहां इसी किस्म की रणनीति अपनाई गई थी। इससे